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खुशनुमा जिंदगी अपने हाथों में ही है




खुशनुमा जिंदगी अपने हाथों में ही है

अकारण ही घबरा जाते है हम
जब गम सताती है घड़ी घड़ी
सुख और दुःख गतिमान के दो पहिए है
इंसान के लिए इंसानियत की
चिंता रहित जीवन जीना सीख लें
खुशनुमा जिंदगी अपने हाथों में ही है।
ये दुनिया रंग बिरंगी है
खुद को तैयार करना ही सफलता का रहस्य है
डरने वालों को मिलता नही है जिंदगी में कुछ भी नही
लड़ने वालों के कदमों में सारा जहान होता है
हर हाल में खुश रहना सीख लो
खुशनुमा जिंदगी अपने हाथों में ही है।
भविष्य को लेकर इतना सोंच क्यों करते हो
कल तो बस में नही है हमारे
आनंद मयी हो हमारी मुस्कुराहट
और उम्मीदों का सूरज चमकाएं
सिर्फ दर्द को पीना सीख लों
खुशनुमा जिंदगी अपने हाथों में ही है।
सिर्फ वर्तमान के हर पल को
जी लो जी भर कर
अगर ये जिंदगी एक मीठा फल है 
तो ये कड़वा भी हो सकता है
तन मन में अच्छे भाव भर लें तो
खुशनुमा जिंदगी अपने हाथों में ही है।

नूतन लाल साहू

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1 Comments

बहुत खूब

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